Saturday 9 February 2019

विद्या के देवी बजाबै छै वीणा / कवि- कैलाश झा किंकर

झूमर

चित्रकार- नूतन बाला (यहाँ क्लिक कीजिए)


विद्या के देवी बजाबै छै वीणा सुनो-सुनो
माघी फूलै के महीना सुनो-सुनो।

मैया के रिझबै ले गाबै कोयलिया झूमि-झूमि
मँजरै अमुआँ के गछिया झूमि-झूमि।

हंस के सवारी पर ऐलो छै देवी घरे-घरे
बुँदिया,गजरा,जिलेबी घरे-घरे ।

गम-गम गमकै छै गुगुल आ फुलवा चारो दिशि
शोभै मैया के जलबा चारो दिशि।

माँगै छै किंकर मैया से विद्या कर जोरी
मिटबो मन के अविद्या कर जोरी।
...

कवि- कैलाश झा किंकर
मिथिला कला - नूतन बाला 
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल - editorbejodindia@yahoo.com







No comments:

Post a Comment

लौटी क आबै छै फँसलो बिहारी / गज़ल, गीत और दोहा - एस. के प्रोग्रामर

1. गजल  ( मुख्य पेज पर जायें -  bejodindia.in  /  हर 12 घंटे पर देखते र हें -  FB+ Bejod India ) लौटी क आबै छै फँसलो बिहा...

10 Most popular posts